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Wednesday, February 13, 2013

राम कहानी


वो चांद सी सूरत नामे-खुदा,
वो उठती जवानी क्या कहिए
दिल ले गयी बातों बातों में,
ये ज़हर बयानी क्या कहिए

कुछ हंस के कटी कुछ रो के कटी,
कुछ ऐसे कटी कुछ वैसे कटी
अदा-ए-मोहब्बत क्या कहिए,
अदा-ए-जवानी क्या कहिए

उठ उठ के गिरे गिर-गिर के उठे
किस्मत ने लाखों पलटे लिए
सुख चैन नहीं था हिस्से में,
अब राम कहानी क्या कहिए

क्या पूछते हो क्या तुमसे कहें,
इक भोला सा अफसाना है
कुछ याद नहीं सब भूल गए,
ये प्यार जवानी क्या कहिए

ये दिल है कि बैठा जाता है,
आंसू हैं उमड़े आते हैं
आरिफ के अहदे-जर्रीं की,
रंगीन कहानी क्या कहिए
         - मो0 आरिफ सण्डीलवी

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